Rovers and Rangers
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर भी अपने यहाॅ अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं सम्बद्ध महाविद्यालयी छात्र-छात्राओं के लिए रोवरिंग एवं रेंजरिंग गतिविधियाॅ संचालित किए हुए है। विश्वविद्यालय यह अपेक्षा करता है कि इसमें अधिक से अधिक युवा सम्मिलित होकर समाज सेवा का व्रत लेंगे। क्योकि स्काउटिंग गतिविधियों के माध्यम से रोवर्स एवं रेंजर्स को ऐसे-ऐसे कौशलों का ज्ञान कराया जाता है, जो जीवनोपयोगी होता है। एक निपुण व राज्य पुरूस्कार प्राप्त रोवर्स और रेंजर्स इस योग्य बन जाता है कि विषम परिस्थितियों में कम से कम संसाधन का प्रयोग करते हुए आनन्दमय जीवन व्यतीत कर सके और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर सके। क्योकि स्काउटिंग से युवाओं में नेतृत्व, आम निर्देशन एवं आत्म नियंत्रण की क्षमता का विकास होता है। साथ ही साथ समूह में रहना, मिल-जुल कर कार्य करना, एक दूसरे से सीखना एवं एक दूसरे का सहयोग करना रोवर्स एवं रेंजर्स का स्वाभाविक गुण बना जाता है जो समाज व राष्ट्र की सेवा के लिए प्रेरित करता रहता है।
स्काउटिंग एक युवा कार्यक्रम है। यह युवाओं का आह्वान करता है कि वह आयें और इसमें सम्मिलित होकर स्वयं के लिए, समाज के लिए और अपने राष्ट्र के विकास के लिए एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाएं। स्काउटिंग एक स्वैच्छिक, गैर राजनीतिक, शैक्षिक आन्दोलन है। इसमें कोई भी व्यक्ति बिना किसी जाति, वर्ग या सम्प्रदाय के भेद-भाव के सम्मिलित हो सकता है। परन्तु इसमें प्रवेश स्काउटिंग के जनक लार्ड वेडेन पावेल द्वारा 1907 में संकल्पित लक्ष्य, सिद्वान्त और पद्वति के अनुरूप ही हो सकता है। इसमें लक्ष्य, सिद्वान्त और पद्धति वर्तमान समय में इतने प्रासंगिक है कि किसी भी राष्ट्र का वह हर जिम्मेदार व्यक्ति जो अपने समाज और राष्ट्र का हित चाहेगा, इसे अवश्य अपनायेगा। यही कारण है कि वर्तमान समय में विश्व के 162 देशों ने इसे एक आन्दोलन के रूप में स्वीकार किया है।